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Bukhar-Fever बुख़ार के घरेलू नुस्खे और पूरी जानकारी In Hindi

Bukhar-Fever बुख़ार के घरेलू नुस्खे In Hindi



आखिर ये बुखार होता किया है
जब शरीर का ताप सामान्य से अधिक हो जाये तो उस दशा को ज्वर या बुख़ार (फीवर) कहते है। यह रोग नहीं बल्कि एक लक्षण (सिम्टम्) है जो बताता है कि शरीर का ताप नियंत्रित करने वाली प्रणाली ने शरीर का वांछित ताप (सेट-प्वाइंट) 1 से 2 डिग्री सेल्सियस बढा दिया है। मनुष्य के शरीर का सामान्‍य तापमान 37° सेल्सियस या 18.6° फैरेनहाइट होता है। जब शरीर का तापमान इस सामान्‍य स्‍तर से ऊपर हो जाता है तो यह स्थिति ज्‍वर या बुखार कहलाती है। ज्‍वर कोई रोग नहीं है। यह केवल रोग का एक लक्षण है। किसी भी प्रकार के संक्रमण की यह शरीर द्वारा दी गई प्रतिक्रिया है। बढ़ता हुआ ज्‍वर रोग की गंभीरता के स्‍तर की ओर संकेत करता है।

इस रोग को उत्पन्न करने वाले कारण किया हो सकते हैं को दूर करने वाले घरेलु नुस्खे 
  • मलेरिया
  • टायफॉयड
  • तपेदिक (टी.बी.)
  • गठिया रोग से संबंधित ज्‍वर
  • खसरा
  • कनफेड़े
  • श्‍वसन संबंधी संक्रमण जैसे न्‍युमोनिया एवं सर्दी, खाँसी, टॉन्सिल, ब्राँन्‍कायटिस आदि।
  • मूत्रतंत्र संक्रमण (यूरिनरी ट्रॅक्‍ट इन्‍फेक्‍शन)
  • मस्तिष्क ज्वर
  • डेंगू

साधारण बुखार के लक्षण
साधारण बुख़ार में शरीर का तापमान 37.5 डि.से. या 100 फैरेनहाइट से अधिक होना, सिरदर्द, ठंड लगना, जोड़ों में दर्द, भूख में कमी, कब्‍ज होना या भूख कम होना एवं थकान होना प्रमुख लक्षण हैं।

बुखार को ठीक करने वाले घरेलू नुस्खे
  • एक चम्मच सिरका लीजिये और इसे एक कप गर्म पानी में डालकर इसमें आलू का एक टुकड़ा भिगो लीजिये अब इस टुकड़े को रोगी के सिर पर रखिये ऐसा करने से रोगी के बुखार में आराम मिलेगा।

  • सर्दियों में हुए बुखार जो सर्दी और जुकाम के कारण हुआ हो तो मुलेठी, शहद, तुलसी और मिश्री को पानी में अच्छे से मिलाकर बुखार के रोगी को पिलाएं। इस आयुर्वेदिक नुस्खे से जुकाम और बुखार दोनों में आराम मिलता है।

  • तिल के तेल में या धी में लहसुन की पांच से सात कलियां तोड़ कर तल लीजिये। अब इसमें सेंधा नमक डालकर बुखार से पीड़ित मरीज को खिलाएं। चाहे किसी भी वजह से बुखार हो गया हो इस उपाय से उतर जाता है।

  • अगर बुखार बहुत तेज हो तो मरीज के माथे पर ठंडे पानी में भीगी हुई पट्टियां रखने से बुखार में आराम मिलता है लेकिन याद रहे यह तब तक करना जब तक शरीर का तापमान कम ना हो जाए। पट्टी रखने के कुछ देर बाद गर्म हो जाती है ऐसे में थोड़ी देर बाद इसे फिर से पानी में भिगोकर माथे पर रखना चाहिए।

  • जब मौसम बदलता है तो इस परिस्थिति में आए हुए बदलाव से जो बुखार होता है उसमे तुलसी की चाय का सेवन बहुत लाभप्रद होता है।

  • लहसुन की कुछ कलियां पीसकर सरसों के तेल में डालें और गर्म करें। तेल ठंडा होने के बाद इससे पैरों के तलवों की मालिश करें। ऐसा करने से रोगी को अच्छा महसूस होता है।

  • बुखार से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में पानी की कमी ना हो इसलिए पेय पदार्थ पीते रहना बहुत जरूरी है। फलो के जूस और पानी का सेवन अधिक मात्रा में करे। पानी में ग्लूकोस डालकर भी ले सकते हैं। अगर पानी R.O या Mineral हो तो अच्छा है या फिर पहले पानी को उबालकर और छानकर रखें और बाद में इसे गुनगुना कर पीना ज्यादा बेहतर है।



  • बुखार आने पर रोगी को ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए और खाने पीने का भी पूरा ध्यान रखें। दूध साबूदाना और मिश्री जैसी हल्की फुल्की चीजें खाने को दे। नारियल पानी और मौसमी का जूस पीना भी अच्छा होता है।

  • अगर गर्मी में लू लगने से बुखार या टाइफाइड की समस्या हुई है तो कच्चा आम पानी में पका लें और इस के रस को पानी में घोल कर पिए।

  • पुदीने और अदरक का काढ़ा पीने से भी बुखार में आराम मिलता है। काढ़ा पीने के बाद आराम करें बाहर हवा में ना निकले।

  • रोगी को अच्‍छे हवादार कमरे में रखना चाहिये। उसे बहुत सारे द्रव पदार्थ पीने को दें। स्‍वच्‍छ एवं मुलायम वस्‍त्र पहनाऍं, पर्याप्‍त विश्राम अति आवश्‍यक है। यदि ज्‍वर 39.5 डिग्री से. या 103.0 फैरेनहाइट से अधिक हो या फिर 48 घंटों से अधिक समय हो गया हो तो डॉक्‍टर से परामर्श लें।


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